वर्ड में किताब कैसे लिखें

किताब के लिये कंटेंट कैसा होना होना चाहिये

अगर आप लिखते हैं तो यह लेख आपके लिये हैं। सब्जेक्ट फिक्शन, नाॅन फिक्शन कुछ भी हो सकता है। नाॅन फिक्शन आपके अनुभव और ज्ञान पर आधारित होता है जिसमें बहुत दिमागी घोड़े नहीं दौड़ाने पड़ते, जबकि फिक्शन में काफी खपना पड़ता है। एक तो कैरेक्टराइजेशन और एक्सप्रेशन के लिये आपको मनोविज्ञान की गहरी समझ होनी चाहिये, दूसरे कहानी लिखने से पहले ही पूरा ताना बाना आपके दिमाग में होना चाहिये क्योंकि अंत में कई सिरे ऐसे होने चाहिये जो शुरुआत से बंधे हों। मसलन कोई सस्पेंस थ्रिलर या शर्लाक होम्ज टाईप स्क्रिप्ट लिखते टाईम आपको ध्यान रखना है कि पहले पन्ने से आपको कौन से सबूत छोड़ते चलना है जिससे अपराधी अंत में पकड़ा जा सके।

खैर जो भी लिखें.. लिखने के तीन तरीके हैं, या तो डेस्कटॉप/लैपटॉप पे लिखें, या कागज पर पेन से और बाद में फोन पर कंटेंट को वायस टाइपिंग के सहारे ले सकते हैं और गूगल कीप या गूगल डाॅक्स की मदद से उसे डेस्कटॉप/लैपटॉप पे ले सकते हैं या फिर सीधे फोन या डेस्कटॉप/लैपटॉप पे वायस टाइपिंग में लिख लीजिये। वायस टाइपिंग के लिये इंग्लिश में लिख रहे तो आसान है लेकिन हिंदी में लिख रहे तो गूगल इंडिक का सहारा लेना पड़ेगा।

यहाँ यह ध्यान रहे कि वायस टाइपिंग में सिर्फ शब्द आयेंगे और कौमा, विराम जैसे सभी चिन्ह खुद लगाने हैं। तो वर्ड की एक फाईल खोलिये और थोड़ा-थोड़ा कंटेंट उधर ले जाइये और वाक्य सही करते हुए, चैप्टर पैराग्राफ़ ब्रेक भी सही करते चलिये। पैरा में विराम की मात्रा न्यूनतम रखिये, सेंटेंस ब्रेक के लिये ज्यादातर (, —…) से काम चलाइये। ध्यान रहे कि यह शब्द के तुरंत बाद लगते हैं और इनके बीच स्पेस नहीं रहता। सिंगल स्पेस बाद में दिया जाता है।

प्रूफ रीडिंग और एडिटिंग कैसे करनी चाहिये

जब सारा कंटेंट वर्ड की फाईल में आ चुके और सभी जरूरी चिन्ह, चैप्टर/पैरा ब्रेक दे चुकें तब पेज साईज व्यू सेक्शन से 200-350% तक कर लीजिये ताकि सबकुछ बड़ा-बड़ा देख सकें और तब वापस उसे पढ़िये, जो त्रुटि हो उसे दूर कीजिये। 

हालांकि यह काम खुद के लिखे में करना टफ टास्क होता है लेकिन बहुत से लेखक जो सेल्फ पब्लिशिंग प्लेटफार्म पर जाते हैं, और पैसे खर्चने की स्थिति में नहीं होते या करना नहीं चाहते तो उन्हें रेडी टु प्रिंट फाईल ही अपलोड करनी होती है, इसलिये यह चीजें खुद से करनी आनी चाहिये।

प्रूफ रीडिंग और एडिटिंग के लिये आप बेहतर है कि मार्कर ऑन कर लें जो आपको “होम” में मिलेगा। इससे आपको पता चलता रहेगा कि कहाँ आपने कितने स्पेस दिये हैं या पैरा ब्रेक में कितनी लाईन्स ले ली हैं। करने के बाद पूरे कंटेंट को सलेक्ट कर के हर पैरा की पहली लाईन को टैब स्पेस से शुरू करने के लिये रूलर का सहारा ले सकते हैं और इसे दो सूत तक एडजस्ट कर सकते हैं, जैसा इस लेख में देख सकते हैं। आज के प्रचलित फार्मेट के हिसाब से हर चैप्टर के पहले पैरा से टैब स्पेस मैनुअली खत्म कर दीजिये और चाहें तो हर दो पैरा के बीच स्पेस दे सकते हैं इस लेख की तरह— जिसके लिये “लेआउट” सेक्शन में स्पेसिंग 8pt कर लीजिये। या कंटेंट बहुत ज्यादा हो तो मत कीजिये, इससे थोड़े पेज कम हो जायेंगे। फोंट साईज 9 या 10 कर लीजिये।

इंटीरियर कैसे डिजाइन करना चाहिये

जब आप संतुष्ट हो जायें कि आपकी स्क्रिप्ट कंपलीट है तो इंटीरियर पे फोकस कीजिये। “लेआउट” सेक्शन से पेज मार्जिन पे जाइये और कस्टम पे क्लिक कीजिये। तीन सेक्शन का पेज सेटअप बाॅक्स खुलेगा। यहाँ मार्जिन्स में जहाँ “नार्मल” दिख रहा, वहां क्लिक कर के मिरर इमेज कर लीजिये। फिर ऊपर मार्जिन में टाॅप 0.5-6″ जो रखना हो, बाॅटम 0.7-8″ और बाहरी मार्जिन 0.5″ रखके इनसाइडर 0.8-1″ तक भी रख सकते हैं। यह आपके अपने ऊपर डिपेंड है।

अगले पेपर वाले हिस्से में पेज साइज सेट कर लीजिये, 5×7, 5.5×8.5, 6×9 जो भी रखना हों, लेआउट से डिफ्रेंट ऑड ईवन पे क्लिक कर लीजिये, सेक्शन स्टार्ट ‘न्यू पेज’ पे ही रखिये, हेडर फुटर मार्जिन 0.3-4×0.5-6 रखिये और ओके करेंगे तो आपकी फाईल उसी अनुपात में कॅनवर्ट हो जायेगी।

 अब ध्यान दीजिये कि पहले पेज पे जो कि “आड” होगा, हेडलाईन में किताब और राईटर का नाम, दूसरा “ईवन” पेज टाईटल वर्सो होता हैं जहाँ बुक/लेखक का नाम, काॅपीराईट, आईएसबीएन, प्रकाशक मुद्रक का नाम आदि होता है। तीसरे ऑड पेज पे डेडिकेशन लिख सकते हैं, चौथा खाली छोड़ दीजिये। पांचवे-छठे पे “अबाउट” सेक्शन में किताब के बारे में लिखिये। सातवें पे टेबल ऑफ कंटेंट, (अगर है तो) और आठवां खाली।

इसमें लेखकीय घुसायेंगे तो और ज्यादा पेज ले लीजिये लेकिन ध्यान रखिये कि शुरुआत ऑड से हो और या अंत ईवन पे हो या वह खाली छोड़ दिया जाये। इसके लिये हर अगले पेज के पीछे आप कंट्रोल के साथ इंटर हिट करेंगे। अब नौवें या ग्यारहवें, जहाँ से भी मेन कंटेंट की शुरुआत हो, उससे पिछले पेज पर कर्सर ले जा कर “लेआउट” सेक्शन में जायें, पेज ब्रेक पे क्लिक करें और नेक्सट पेज ले लें। इससे आपका “सेक्शन टू” शुरू हो जायेगा। किताब में जितने मेन चैप्टर हैं, इसी विधि से सेक्शन बना लें।

अब पेज नंबर और हेडर फुटर डालिये। इसके लिये इनसर्ट सेक्शन से पेज नंबर पे जाइये और और जिस फार्मेट में चाहिये नंबर सलेक्ट कर लीजिये। ऐसा आपको ऑड और ईवन दोनों पेज पर करना पड़ेगा और इसमें भी यह ध्यान देना होगा कि आपके हर सेक्शन के नंबर अलग होंगे तो इसके लिये हर अगले सेक्शन के पहले पेज पर जाकर डबल क्लिक कर के नंबर सलेक्ट कीजिये, वापस पेज नंबर फार्मेट में जाइये और कंटीन्यू फ्राम प्रीवियस सेक्शन पे क्लिक कर दीजिये।

इसी तरह हेडर फुटर के लिये आपको ध्यान देना होगा कि ऑड और ईवन के हेडर फुटर अलग होंगे। आप ऑड पे लेखक का नाम और ईवन पे किताब का नाम डाल सकते हैं या अगर कई अलग चैप्टर वाली किताब है तो ऑड पे किताब का नाम और ईवन पे उस खास चैप्टर का नाम दे सकते हैं। हर अलग चैप्टर का अलग हेडर या फुटर देने के लिये उस नये सेक्शन के पहले पेज पर जायें और हेडर/फुटर को सलेक्ट कर के डिजाइन सेक्शन से लिंक टु प्रीवियस को अनसलेक्ट कर दें। फिर उस हेडर को हटा के नया हेडर डाल दें। यह प्रक्रिया सभी सेक्शन में दोहरायें। अब अनचाही जगहों से पेज नंबर या हेडर हटाने के लिये इनसर्ट सेक्शन के ‘शेप्स’ से एक रेक्टेंगुलर बाॅक्स ले के उस प्वाइंट को कवर कर दें और बाॅक्स और बाॅक्स के बार्डर को वाईट कलर कर दें। वह चीज हाईड हो जायेगी जो आप नहीं चाहते।

बुक कवर डिजाइन के लिये क्या करें

सबसे आखिर में आपको कवर बनाना है जो यूं तो आप कोरल या फोटोशाॅप पे बना सकते हैं लेकिन अगर यह सब नहीं आता तो किसी सेल्फ पब्लिशिंग वेबसाइट पे चले जाइये, अकाउंट बना लीजिये और उनका कवर क्रियेटर इस्तेमाल कर लीजिये। यहाँ कवर बनाते वक्त बुक साईज और नंबर ऑफ पेजेस पे जरूर ध्यान दें क्योंकि “गटर मार्जिन” उसी से तय होता है। फिर इस कवर को डाउनलोड कर लें।

ध्यान रहे कि अगर आप सेल्फ पब्लिशिंग कर रहे हैं तो आईएसबीएन और काॅपीराईट जरूर ले लें और कवर पर पीछे आईएसबीएन बारकोड में डालने के लिये “एक्सेल” या कोरल की मदद ले सकते हैं। इससे सम्बंधित वीडियो आपको यूट्यूब पर मिल जायेंगे। इस तरह जब आपकी बुक कंपलीट हो जाये तो उसे क्रियेटस्पेस, नोशन या पोथी पर अपलोड कर सकते हैं, प्रिंट ऑन डिमांड मोड में और मार्केटिंग के लिये थोड़ा खर्च कर के उन्हीं की हेल्प ले सकते हैं।

Written by Ashfaq Ahmad

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